राजस्थान में बीजेपी की नई रणनीति, एसएसी एसटी वोटरों से सीधे होगा संवाद!
कांग्रेस अपने ही अपनों से लड़ने के लिए चरम पर है वही भाजपा संकल्प के साथ राजस्थान में सरकार बनाने की ओर किए जाने वाले मंथन को साकार रूप देने में जुटी हुई है।
जयपुर: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने एससी एसटी मोर्चे को एक्टिव करने के उद्देश्य से बर्फानी दादा जी के आश्रम में एक प्रशिक्षण का आयोजन किया है। इस प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ राजस्थान प्रदेश के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर जी ने किया। इस कार्यक्रम में एससी एसटी मोर्चे के प्रदेश के सभी पदाधिकारी और पूरे प्रदेश से आए हुए कार्यकर्ता हजारों के संख्या में जुटे।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश स्तरीय अनुसूचित जाति व जनजाति वालंटियर्स का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग का प्रारंभ मेहंदीपुर बालाजी के बर्फानी धाम में किया जा रहा है। इसमें प्रदेश भर के 200 वोलंटियर्स को भाजपा की कार्यपद्धति व भाजपा की विचारधारा से अवगत कराकर प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, अनुसूचित जाति व जनजाति के वॉलंटियर्स कार्यकर्ताओं को अल्पकालिक व दीर्घकालीन प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा। भाजपा के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने प्रशिक्षण वर्ग में प्रदेश भर के वोलंटियर्स को सम्बोधित किया।
जबकि कांग्रेस की बयानबाजी का दौर कब समाप्त होगा यह तो कोई नहीं बता सकता लेकिन राजस्थान की कांग्रेस की राजनीति को समझ कर भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से 5 साल पहले कांग्रेस द्वारा छीनी गई सरकार को वापिस हथियाने की योजनाबद्ध तरीके से शुरुआत कर दी है। जिसकी शुरुआत तीन दिन तक चलने वाले शिविर के तहत मेहंदीपुर बालाजी के पास बर्फानी दादा जी के धार्मिक स्थान पर भाजपा के संगठन प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर जी की अगुवाई में हो चुकी है।
शिविर की सबसे बड़ी खास बात यह है कि भाजपा कांग्रेस के परंपरिक वोटों का गढ़ माने जाने वाले एससीएसटी के मतदाताओं को जोड़ने के लिए आईटी के माध्यम से एक योजना शुरू करने पर मंथन किया है जिसके अनुसार राजस्थान की सभी 200 विधानसभा के स्तर पर प्रत्येक बूथ लेवल व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उन्हें जोड़ा जाएगा इसके अलावा अन्य क्षेत्रों के लिए पांच पांच महिलाओं के भी ग्रुप बनाए जाएंगे। इस ग्रुप के माध्यम से केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित किया जाने के लिए जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देश के ओजस्वी पीएम नरेंद्र मोदी की सबका साथ सबका विकास का नारा साकार करने के लिए सबसे निचले पायदान पर मौजूद व्यक्ति से संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता है। इस लिहाज से हमने प्रत्येक विधानसभा स्तर पर कमेटी का निर्माण और जिला स्तर और विधानसभा स्तर पर प्रचारकों की नियुक्ति की जा चुकी है। जो अभी से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। साथ ही हमने प्रत्येक बूथ स्तर पर पहली बात एससी एसटी के सम्मानित मतदाताओं को 50 की संख्या में शामिल करेंगे इन सदयसों में महिला भी शामिल रहेंगी। इस योजना से पीएम मोदी के सपने को साकार करेंगे साथ ही राजस्थान में सरकार भी बनाने का काम करेंगे।
चंद्रशेखर जी ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री द्वारा प्रदत विभिन्न योजना में लाभान्वित व्यक्तियों को भी सम्मिलित किया जाएगा ताकि वह उन्हें इस योजना से क्या लाभ हुआ उसकी जानकारी ग्रुपों में दे सकें। बताया जाता है कि इसी शिविर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथ मजबूत करने के लिए लोगों को जोड़ा जाएगा। इन ग्रुप का विशेष लक्ष्य भी होगा की अंतिम पायदान पर भी खड़ा व्यक्ति केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो। 21 जनवरी को समाप्त होने वाले इस तीन दिवसीय शिविर में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित एससी एसटी मोर्चों के बड़े पदाधिकारी भी शामिल रहे।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस अपने ही अपनों से लड़ने के लिए चरम पर है वही भाजपा संकल्प के साथ राजस्थान में सरकार बनाने की ओर किए जाने वाले मंथन को साकार रूप देने में जुटी हुई है।
प्रशिक्षण में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा, प्रदेश मंत्री विजेंद्र पूनिया, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेधवाल, एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा, दौसा भाजपा जिला अध्यक्ष डॉक्टर प्रभु दयाल शर्मा, मोती लाल मीणा मौजूद रहेंगे।
क्या हो रही है कांग्रेस में बयानबाजी
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के फिर से रिपीट होने के दावे केवल दावे ही बनते दिखाई दे रहे हैं। एक और जहां अशोक गहलोत और उनके समर्थक न जाने किस आधार पर राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है। गहलोत के विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस के नेता सचिन पायलट भी बार-बार नसीहत देकर नेताओं को चेता रहे हैं कि अगर राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनानी है तो सबको साथ लेकर एकजुटता का परिचय दिया जाना चाहिए। मगर गहलोत और पायलट के बार-बार कहे जाने वाले इन संदेशों का फिलहाल कोई सकारात्मक निर्णय सामने नहीं आ रहा है। सचिन पायलट द्वारा लंबे समय तक खामोशी रखकर पिछले 5 दिनों से प्रदेश में दोनों दौरों का सिलसिला चालू किया है और उसमें अपनी बातें कहीं जिस पर पलटवार करते हुए इशारों ही इशारों में बयान बाजी का दौर चल रहा है।