मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी कांग्रेसी दिनेश खोड़निया और उनके रिश्तेदार अशोक जैन के आवासों पर ईडी के छापे
खोड़निया की सिफारिश से ही हुई थी आरपीएससी में बाबूलाल कटारा की नियुक्ति, आरएलपी की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष स्पर्धा चौधरी के आवास पर भी कार्यवाही, आरपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय से भी पूछताछ हो-सांसद किरोड़ी लाल मीणा
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में 13 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्यवाही करते हुए कांग्रेस के प्रभावशाली नेता दिनेश खोड़निया और उनके रिश्तेदार अशोक जैन के डूंगरपुर व जयपुर के आवासों पर छापामार कार्यवाही की है। कांग्रेस की राजनीति में दिनेश खोड़निया को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। जानकार सूत्रों के अनुसार खोड़निया की सिफारिश पर ही बाबूलाल कटारा को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया गया। आयोग का सदस्य मुख्यमंत्री स्तर पर ही बनाया जाता है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में कटारा ने इन दिनों ईडी के शिकंजे में हैं। पूछताछ में कटारा ने जो जानकारियां दी, उसी के आधार पर दिनेश के आवास पर कार्यवाही हुई।
सूत्रों के अनुसार कटारा की ओर से लाखों रुपया खोड़निया को दिया गया। हालांकि इस मामले में शुरुआती जांच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन काम करने वाली एजेंसी एसओजी ने की थी, लेकिन एसओजी की जांच कटारा तक ही सीमित रही। जबकि ईडी ने कटारा द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर भी कार्यवाही की है। 13 अक्टूबर को दिनेश खोड़निया और अशोक जैन पर हुई कार्यवाही को ही बड़ा माना जा रहा है। इससे प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। मीणा का कहना है कि बाबूलाल कटारा आयोग में बैठ कर भर्ती परीक्षाओं के पेपर बेचता रहा और अध्यक्ष को खबर तक नहीं लगी। ऐसा कैसे हो सकता है?
मीणा ने आयोग में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार होना बताया है। गहलोत सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में 17 परीक्षाओं के प्रश्न पत्र आउट हुए हैं, लेकिन एसओजी असली गुनहगारों तक नहीं पहुंच सकी। रीट पेपर प्रकरण में तो एसओजी ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को क्लीन चिट दी, जबकि जारोली को सरकार ने बर्खास्त किया। बर्खास्तगी के बाद जारोली ने पेपर लीक के पीछे राजनीतिक संरक्षण बताया। इस कथन के बाद जारोली को भूमिगत कर दिया गया और एसओजी ने क्लीन चिट दे दी। जारोली के बयान के आधार पर जांच होती तो गहलोत सरकार एक मंत्री भी चपेट में आता। असल में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र उन लोगों ने आउट किए जो सरकार में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं। यदि ईडी दिनेश खोड़निया और अशोक जैन को गिरफ्तार करती है तो कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आएगा। यह सब तब हो रहा है, जब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने की कवायद अंतिम चरण में है।
संजय श्रोत्रिय और स्पर्धा चौधरी पर गंभीर आरोप
13 अक्टूबर को ईडी की कार्यवाही के दौरान ही भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीणा ने बताया कि जिस स्पर्धा चौधरी के आवास पर ईडी की कार्यवाही हो रही है वह हनुमान बेनीवाल की आरएलपी की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष हैं। स्पर्धा ने विधानसभा का 2018 का चुनाव फुलेरा से आरएलपी के प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था। मीणा ने कहा कि यह जग जाहिर है कि पेपर लीक कांड का सरगना सुरेश ढाका है और स्पर्धा चौधरी ढाका की मित्र हैं। स्पर्धा चौधरी को भी पेपर लीक के बहुत से राज मालूम है, उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की सरकार की जांच एजेंसियां सुरेश ढाका को गिरफ्तार नहीं करेंगी। यदि ढाका गिरफ्तार होता है तो गहलोत सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों के चेहरे पर से नकाब उतर जाएगी। मीणा ने कहा कि हनुमा बेनीवाल मेरे मित्र हैं और मैं उनसे आग्रह करता हंू कि स्पर्धा चौधरी को महिला मोर्चे के अध्यक्ष पद से हटाया जाए। नहीं तो उन पर भी कई सवाल उठेंगे। मीणा ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रकरण में उन्होंने ईडी को महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करवाए हैं। आज जब ईडी ने कांग्रेस नेता दिनेश खोडनिया के यहां कार्यवाही की है, तब अनेक राज सामने आ जाएंगे। मेरी जानकारी में आया है कि आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय ने दिनेश खोडनिया की सिफारिश पर ही सदस्य बाबूलाल कटारा को परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सेट करने की जिम्मेदारी दी। आयोग के नियमों के मुताबिक सिर्फ अध्यक्ष ही पेपर सेट करते हैं। लेकिन संजय श्रोत्रिय ने अपना काम एक सदस्य को सौंप दिया। मीणा ने ईडी के अधिकारियों से आग्रह किया कि संजय श्रोत्रिय को बुलाकर पूछताछ की जाए। मीणा ने कहा कि दिनेश खोडनिया के माध्यम से अब ईडी की जांच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुच रही है।
कालेधन के बाहर धरना:
प्रेस कॉन्फ्रेंस के सांसद मीणा अपने साथ सभी मीडिया कर्मियों को जयपुर में गणपति प्लाजा टावर के तहखाने में ले गए। यहां प्राइवेट स्तर पर करीब सौ लॉकर संचालित हैं। मीणा ने आरोप लगाया कि राजस्थान में पेपर लीक से जो काला धन कमाया गया, वह इन्हीं लॉकरों में छुपा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये लॉकर कांग्रेस नेता दिनेश खोडनिया और उनके परिवार के सदस्यों के हैं। इन लॉकरों में करोड़ों रुपया नकद और पचास किलो सोना भरा हुआ है। मीणा ने कहा कि अब वे इन लॉकर्स के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं। मीणा ने जयपुर के जयपुर कमिश्नर से मांग की कि लॉकर के मालिकों को बुलाकर तलाशी ली जाए।
S.P.MITTAL BLOGGER