ईडी की छापामारी भाजपा के लिए बेहद घातक, भाजपा नेता ने छापेमारी रोकने का किया आग्रह
ED's raid is extremely fatal for BJP, BJP leader urges to stop the raid
भाजपा के एक वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता ने अपने शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया है कि वर्तमान समय मे ईडी के छापे पार्टी के लिए आत्मघाती साबित हो रहे है । अतः छापो की कार्रवाई स्थगित रखी जाए ।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों ईडी द्वारा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस के ही नेता और विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के यहां ईडी की ओर से छापेमारी की गई । इन छापो में कितना धन बरामद हुआ और क्या चीज जब्त की गई, ईडी ने अभी तक इस बात का खुलासा नही किया है । उधर ईडी की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को पूछताछ के लिए तलब किया गया है ।
इस नेता ने नाम नही छापने की शर्त बताया कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को फोन के जरिये अवगत कराया है कि चुनाव के वक्त ईडी की कार्रवाई का पार्टी की सेहत पर विपरीत असर पड़ने की पूरी संभावना है । नेता का मानना है कि छापो को लेकर जनता में तीखी प्रतिक्रिया है । भ्रस्ट होते हुए भी कांग्रेसी नेता बेवजह की सहानुभूति बटोरने में लगे हुए है ।
ज्ञात हुआ है कि जेपी नड्डा ने आश्वस्त किया है कि वे इस संबंध में आवश्यक कदम उठाते हुए सम्बन्धित अधिकारियों से बात करेंगे । उधर प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों ने बताया कि भ्रस्ट क्रियाकलापो के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी । चुनाव के दौरान छापे की कार्रवाई स्थगित की जा सकती है, लेकिन भौतिक सत्यापन, पड़ताल और निगरानी की कार्रवाई बरकरार रहेगी ।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि चुनाव के दौरान काला और भ्रस्ट तरीको से अर्जित धन का बहुत अधिक बोलबाला हो जाता है । इसलिए ईडी की इस दौरान और अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है । ईडी के अधिकारी ने बताया कि उनका विभाग निष्पक्ष और बिना किसी पूर्वग्रह के कार्रवाई करता है । जिनके खिलाफ शिकायत है, कार्रवाई उन्ही के खिलाफ होती है ।
अधिकारी के अनुसार जिनके खिलाफ कोई शिकायत लम्बित नही है, उन पर कार्रवाई कैसे हो सकती है ? अधिकारी ने स्पस्ट किया कि उनका विभाग किसी के प्रभाव में आकर कभी कार्रवाई नही करता है । जिसके खिलाफ मय दस्तावेजो के पुख्ता शिकायत प्राप्त होती है, कार्रवाई उसी के खिलाफ की जाती है । छापे की कार्रवाई से पहले बहुत बारीकी से दस्तावेजो की जांच की जाती है । मामला मुकम्मल और ठोस होने के बाद ही सक्षम अधिकारी से कार्रवाई के लिए स्वीकृति प्राप्त होती है । उनका विभाग कभी हवाई फायर नही करता है ।