राजस्थान में दिखने लगी चुनावी हलचल, कांग्रेस और भाजपा गंभीर, फिलहाल आप पार्टी की नहीं कोई हलचल!

Election stir in Rajasthan, Congress and BJP serious

Update: 2023-07-11 10:15 GMT

जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा लगातार पिछले लगभग 10 दिनों से सक्रियता देखने को मिल रही है। 10 दिनों की दोनों दलों की सक्रियता का कुछ रुझान भी सामने आने लगा है। पहले बात कर लेते हैं कांग्रेस की तो कांग्रेस में सचिन पायलट के अध्यक्ष पद से हटने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लंबी चौड़ी सूची जारी हो गई है। इस सूची में पायलट समर्थकों को स्थान जरूर मिला है लेकिन जिस अनुपात में पहले से कार्यकारिणी में मौजूद कुछ को कार्यकारिणी में इस बार जगह नहीं मिली।

सूची में गहलोत समर्थक अधिक संख्या में है। नई सूची की एक और अहम बात यह है कि उदयपुर में कांग्रेस के महाधिवेशन मैं दिए गए निर्णय के अनुसार एक व्यक्ति एक पद की पालना में कुछ मंत्रियों को संगठन से बाहर कर दिया गया है। प्रमुख रूप से ऐसे नामों में महेंद्र सिंह मालवीय, रामलाल जाट और गोविंद मेघवाल जैसे नाम शामिल है। इस सूची में गहलोत के नजदीकी मंत्री शांति धारीवाल के पुत्र अमित धारीवाल को महासचिव बनाया गया है जिससे यह संदेश बन रहा है की खुद्दारी वालों के चुनाव नहीं लड़ने पर अमित को उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। मगर जहां 33% महिलाओं को स्थान देने की बात थी उसमें महाधिवेशन के निर्णय की पालना नहीं हुई।

कार्यकारिणी में लगभग 15 प्रतिशत महिलाओं को स्थान मिला है वही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की बात करें तो केवल एक महिला को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। चर्चा है कि अभी एक सूची और आना बाकी है। खुद अशोक गहलोत भी लगातार सरकार रिपीट करने के लिए हर तरह के प्रयास में जुटे हुए हैं आज ही उन्होंने महिलाओं को फ्री मोबाइल के बारे में घोषणा करते हुए चालीस लाख महिलाओं को सीमा मोबाइल देने की बात कही। आज ही लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में पेंशनर्स के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने भी दो दिन के रणथंबोर में हुए मंथन में लगभग यह संकेत दे दिया गया राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रदेश से कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होगा।

चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर ही होगा। सूत्रों की माने तो संगठन महासचिव बी एल संतोष ने भी कई तरह के मंत्रों से लगभग सभी बड़े नेताओं को जहां अप्रत्यक्ष रूप से कुछ न कुछ संदेश दिया वहीं कुछ नेताओं को नाम सहित अनुशासन का संदेश दिया। ऐसा नहीं है कि शीर्ष नेतृत्व ने अपनी ही बात की विजय संकल्प रैली में मौजूद सभी नेताओं से भी उनके विचार जाने! इसके साथ ही पुराने नेताओं और अध्यक्षों को भी आपस में सामंजस्य बनाकर रैलियां और सभाएं आयोजित करने की हिदायत दी गई।

आप पार्टी अरविंद केजरीवाल के भी पार्टी अरविंद केजरीवाल के भी लगभग एक माह पहले गंगानगर में बड़ी विशाल सभा आयोजित किए जाने के बाद यह समझा जा रहा था कि आप पार्टी ने भी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बजा दिया है मगर इस मीटिंग के बाद आम पार्टी की कोई विशेष बैठक या योजना सामने नहीं आई जिस से समझा जाए आम पार्टी विधान सभा के लिए सक्रिय है।

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