राहुल की यात्रा के बाद होगा फिर गहलोत और पायलट का भरत मिलाप
फिर गले मिल सकते है गहलोत और पायलट
राजस्थान की राजनीति में शीघ्र ही बड़े बदलाव दिखाई देने की संभावना है । शीर्ष नेतृत्व से मिली ख़बरों के मुताबिक जल्दी कुछ लोगों के इस्तीफों की संभावना व्यक्त की जा रही है । इस्तीफे किनके होंगे, यह फिलहाल स्पस्ट नही हुआ है । माना जा रहा है कि अनुशासनहीनता के आरोपी शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंन्द्र राठौड़ पर गाज गिर सकती है और इन तीनो को अपने पदों से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है ।
ऐसा माना जा रहा हैं कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चले आ रहे युद्ध का विराम भी 20 दिसम्बर तक होने की संभावना है । दोनो ओर से बर्फ पिघलना प्रारम्भ होगई है और ऐसा फार्मूला तैयार कर लिया गया है जो दोनो को मंजूर है । फार्मूला क्या है, फिलहाल इस बारे में मुक्कमल रूप से पता नही लग पाया है । सम्भवना यही व्यक्त की जा रही है कि एक के पास मुख्यमंत्री की कुर्सी होगी तो दूसरे के पास होगी टिकट बांटने की ताकत ।
राहुल गांधी के इशारे पर दोनो के बीच लगभग सुलह हो चुकी है जिसकी घोषणा 22 दिसम्बर के आसपास हो सकती है । एक बार फिर से गले मिलने की रस्म अदायगी की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता है । चूंकि दोनो के बीच सुलह हो चुकी है, इसलिए आज दोनो एक ही विमान से शिमला नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में गए है । अगर सुलह नही होती तो दोनो एकसाथ कभी भी विमान में साथ बैठकर नही जाते ।
इतनी दूर तक जब दोनों एक ही विमान में साथ बैठकर गए है तो दोनो एक दूसरे से नजरें तो चुराएंगे नही । जाहिर है कि दोनों के बातचीत अवश्य होगी । बातचीत का निचोड़ यही होगा कि अगला विधानसभा चुनाव कैसे जीता जाए । इसके अतिरिक्त आगे की रणनीति पर भी बातचीत की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता है । दोनो नेता भलीभांति इस बात को समझ चुके है कि आपसी लड़ाई से पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है ।
इस बात की पूरी संभावना है कि 22 दिसम्बर के आसपास दोनो गले मिल सकते है और नई रूपरेखा का ऐलान भी हो सकता है । अधिकांश विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को ऐसे ही क्षण का बेसब्री से इंतजार है । अगर दोनो के बीच 22 या इसके आसपास सुलह की घोषणा नही होती है तो युद्ध और ज्यादा गम्भीर धारण कर सकता है । नए बजट की 25 दिसम्बर के आसपास घोषणा या अधिसूचना जारी हो सकती है । ऐसे में गहलोत मार्च तक का समय बजट सत्र के नाम पर खींच सकते है । इसके बाद भी कोई और भी रास्ता निकालकर सुलह को टाला जा सकता है ।
ऐसा माना जा रहा है कि राहुल और प्रियंका गांधी राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति के तुरन्त बाद दोनों के बीच सुलह की घोषणा करने के लिए ख्वाहिशमंद है । सोनिया गांधी से इस बात के लिए हरी झंडी मिल चुकी है । इसके लिए पर्यवेक्षक या प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी जयपुर आ सकते है । ऐसी भी हो सकता है कि सीएलपी की बैठक एक बार पुनः बुलाकर सभी विधायकों से उनकी गुप्त राय ली जाए ।