राजस्थान में सियासी संग्राम, सचिन करेंगे कल बड़ा खुलासा

Update: 2020-07-14 15:52 GMT

 

राजस्थान में चल रहे सियासी तूफ़ान में सचिन पायलट पर बड़ी कार्यवाही की गयी है, कांग्रेस पार्टी ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है. साथ ही पायलट समर्थक मंत्रियों को भी हटाया गया है.सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बाहर निकाला गया है.

कांग्रेस पार्टी की ओर से विधायक दल की बैठक बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित हुआ है।

सुबह दस बजे होने वाली बैठक को सचिन पायलट के इंतजार में 1 घंटे के लिए खिसकाया गया था।

पायलट के नहीं पहुंचने के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनके खिलाफ एकमत में प्रस्ताव पारित किया गया।

पायलट को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने पर निर्णय लिया गया है।

उप मुख्यमंत्री पद से पायलट के साथ पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को भी पद से हटा दिया गया है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है. बीजेपी ने साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की है. बीजेपी धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है.

पायलट की जगह शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी का नया चीफ बनाया गया है. कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को लगातार दूसरे दिन हुई बैठक में सचिन पायलट उनके समर्थक मंत्रियों तथा विधायकों के नहीं पहुंचने पर पार्टी ने कड़ा कदम उठाया है. पायलट आज भी मांगों पर अड़े रहे थे. उसके बाद अब बीजेपी (BJP) पूरी तरह से सक्रिय हो गई है. प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर प्रदेश बीजेपी ने आगामी रणनीति बनाने के लिए बैठक कर शुरू कर दी है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना हो गये हैं.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए. पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकारा.

राजस्थान कांग्रेस ने बागी हुए डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बागी विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया गया है। विधायक दल की बैठक में उनके खिलाफ पिछले दो दिनों यह दूसरा प्रस्ताव जो सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों के खिलाफ पारित किया गया है।

इससे पहले राजस्थान सरकार पर आया सियासी संकट मंगलवार को भी जारी है। दिल्ली के बड़े नेताओं और कथिततौर पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के फोन कॉल्स के बाद भी सचिन पायलट के बगावती तेवर शांत नहीं हुए। सोमवार को कांग्रेस की ओर से पार्टी विरोध गतिविधियों को लेकर प्रस्ताव पारित कर एक और जहां पायलट और उनके समर्थक विधायकों को चेतावनी दी गई वहीं उनकी मान-मनुहार की हर संभव कोशिश जारी रही। लेकिन सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई, पायलट विधायक दल की दूसरी यानी मंगलवार सुबह बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए।

बीजेपी की बैठक शुरू

इस बैठक में बीजेपी आगामी रणनीति तय की जायेगी. बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर आयोजित हो रही इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मौजूद हैं. बैठक में पार्टी फ्लोर टेस्ट जैसी मांग पर भी विचार करेगी. वहीं दिल्ली में बैठकर लगातार सियासी घटनाक्रम पर नजर रख रहे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर दिल्ली से रवाना जयपुर के लिए रवाना हो गए.

फ्लोर टेस्ट की मांग हो सकती है

दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस की आपसी लड़ाई में अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है. फ्लोर टेस्ट की मांग का फैसला पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व लेगी. सचिन पायलट का खेमा भी फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुका है. सचिन पायलट के बीजेपी में आने के सवाल पर कहा कि बीजेपी का दरबार सभी के लिए खुला है. सचिन पायलट अगर पर्याप्त विधायकों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करते हैं तो बीजेपी नेतृत्व समर्थन देने पर विचार कर सकती है.

राजस्थान के डिप्टी सीएम पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट कल सुबह दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. राजस्थान के पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने सीधे तौर पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन बुधवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह अपनी बात रख सकते हैं.

एक तरह से देखा जाए तो अभी तक सचिन पायलट ने पार्टी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप से मिले नोटिस से भले ही नाराज होक सचिन पायलट ने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया. हालांकि सूत्रों के हवाले से पायलट खेमा लगातार यह बात कहता रहा है कि गहलोत गुट उन्हें बदनाम करने में जुटा हुआ है.

असल में, सचिन पायलट अभी तक शांत रहे हैं. डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद से उनके सिर्फ दो ट्वीट आए हैं. पहले ट्वीट में सचिन ने लिखा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं. इसके अलावा उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल में कुछ बदलाव भी किया है. वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने समर्थन करने वालों का आभार जताया है.

राजस्थान के पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पहली बार होगा जब सचिन पायलट बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखेंगे.

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