राजस्थान सरकार ने पुजारी हत्या मामले में परिजनों की मानी ये मांगे

घटना के बाद सपोटरा थाना अधिकारी को हटा दिया गया है. एसडीम ओपी मीणा और तहसीलदार दिनेश चंद्र मौके पर पहुंचे और डॉक्टर किरोड़ी मीणा से धरने को लेकर बातचीत हुई. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है.

Update: 2020-10-10 12:05 GMT

राजस्थान के करौली में पुजारी की हत्या के मामले में गहलोत सरकार ने पीड़ित परिवार की मांगें मान ली हैं. राजस्थान सरकार की ओर से 10 लाख रुपये और एक संविदा कर्मी की नौकरी का वादा किया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री मंत्री आवास योजना के तहत एक लाख रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे.

इस घटना के बाद सपोटरा थाना अधिकारी को हटा दिया गया है. एसडीम ओपी मीणा और तहसीलदार दिनेश चंद्र मौके पर पहुंचे और डॉक्टर किरोड़ी मीणा से धरने को लेकर बातचीत हुई. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है.

प्रशासन ने परिवार जन को अनुबंध पर नौकरी, इंदिरा आवास, 10 लाख की आर्थिक सहायता के साथ-साथ आरोपियों की गिरफ्तारी का भी आश्वासन दिया है. डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने ग्रामीणों के सामाजिक सौहार्द और जातिगत एकता की सराहना की. उन्होंने कहा कि बड़े प्रकरण के बाद भी गांव ने सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया.

इससे पहले राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने करौली में पुजारी की हत्या मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत से बात की थी. राज्यपाल ने इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई. राज्यपाल सचिवालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया कि मामलों की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

बता दें कि राजस्थान के करौली में दबंगों ने पुजारी के ऊपर पहले पेट्रोल छिड़का, फिर आग लगा दी थी. जयपुर के सवाई माधो सिंह अस्पताल में पुजारी की मौत हो गई. फिरहाल राजस्थान पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. परिवार की मांग थी कि उन्हें जमीन का आवंटन किया जाए और उनके एक बच्चे को नौकरी दी जाए.

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