उमेश मिश्रा आज संभालेंगे नए डीजीपी का पद भार, कलराज मिश्र भी मिश्रा की नियुक्ति से प्रसन्न
नए पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा का प्रमुख कार्य राजस्थान पुलिस में सूचना तंत्र को मजबूत करना होगा । मिश्रा बहुत साल तक आईबी, एटीएस जैसे विभागों में रह चुके है । वे जानते है कि बिना सूचना तंत्र को मजबूत किये बिना अपराधियो का सुराग लगाना कठिन है । हालाँकि वर्तमान में डीजी (इंटेलिजेंस) दायित्व उनके कंधों पर है ।लेकिन मिश्रा की इच्छा है कि सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए खबरियों मजबूत ढांचा तैयार किया जाए ।
इसके लिए वे राज्य सरकार से सीक्रेट फंड बढाने की भी मांग करेंगे । फिलहाल सीक्रेट फंड के नाम पर बहुत कम राशि प्राप्त होती है जिसकी वजह से मुखबिर सूचना उपलब्ध कराने में ज्यादा रुचि नही रखते है । मिश्रा का मानना है कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार में सूचना तंत्र का बहुत बड़ा योगदान होता है । इसी के आधार पर अपराधियो के अलावा देशद्रोहियों को भी शीघ्र दबोचा जा सकता है ।
राजस्थान के नए पुलिस कप्तान की कमान आज वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उमेश मिश्रा के हाथ मे आ जाएगी । वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर आज दोपहर बाद सेवानिवृत हो जाएंगे । ततपश्चात लाठर के स्थान पर उमेश मिश्रा कार्यभार ग्रहण करने के बाद पुलिस विभाग के सबसे बड़े मुखिया बन जाएंगे । फिलहाल उनके पास डीजी (इंटेलिजेंस) दायित्व है ।
उम्मीद लगाई जा रही थी कि डीजीपी की कमान सम्भवतया मिश्रा से वरिष्ठ भूपेंद्र कुमार दक को दी जा सकती है । लेकिन राज्य सरकार ने मिश्रा को डीजीपी बनाने के आदेश करीब सप्ताह भर पहले जारी कर सबको चौका दिया । पिछले 30-35 साल में कभी भी इतनी जल्दी डीजीपी नियुक्त करने के आदेश जारी नही हुए । उमेश मिश्रा के डीजीपी बनने से राज्यपाल कलराज मिश्र भी बहुत खुश है । बताया जाता है कि उमेश मिश्रा को डीजीपी बनवाने में कलराज मिश्र का भी बहुत बड़ा योगदान है । दोनो यूपी के रहने वाले है । कलराज मिश्र का जन्म देवरिया और उमेश मिश्रा का कुशीनगर में हुआ । दोनो के गांवों की दूरी महज 150 किलोमीटर है ।
नए डीजीपी की इच्छा है कि वे पुलिस की बिगड़ती छवि में इजाफा करे । इसके अलावा आजकल राजनेताओ का पुलिस कार्यो में हस्तक्षेप बढ़ता ही जा रहा है । इसको रोकने की दिशा में वे कोई पुख्ता योजना तैयार करने की इच्छा रखते है । मिश्रा नही चाहते है कि पुलिसकर्मियों के तबादलों और पदस्थापन में राजनेताओ का दखल बढ़े, इसके लिए वे उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की योजना बना सकते है जो राजनेताओ के बूते पर थानों पर काबिज है । हालांकि यह बहुत कठिन कार्य है । लेकिन मिश्रा बहुत ही निर्भीक और ईमानदार अफसर है ।
आईपीएस उमेश मिश्रा का जन्म उत्तरप्रदेश राज्य के कुशीनगर में 01 मई 1964 को हुआ. इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य और प्राचीन इतिहास दर्शन से ग्रेजुएशन और दर्शनशास्त्र से मास्टर डिग्री पूरी की. इनके पिताजी स्वर्गीय शिव पूजन मिश्रा श्री गांधी स्मारक इंटर में अंग्रेजी के लेक्चरर थे. आईपीएस उमेश मिश्रा 1989 बैच के एक आईपीएस अधिकारी है । इनके दो पुत्र है । एक डॉक्टर है । जबकि दूसरे की पढ़ाई पूरी होने वाली है । इनके कोई पुत्री नही है ।
मिश्रा डीजीपी पद पर 30 अप्रेल, 2024 तक रहेंगे । आईपीएस उमेश मिश्रा अपनी सर्विस के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) इंटेलिजेंस, एडीजी एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), एडीजी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), आईजी भरतपुर जैसे पदों पर रह चुके हैं । इनके अलावा राजस्थान के भरतपुर, कोटा शहर, पाली और चुरू जिले के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं ।
इनकी गिनती एक तेज और निडर आईपीएस के रूप में होती है । मिश्रा अपने कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं । राजस्थान पुलिस में पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस और आईबी में रहते हुए पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले सेना के जवानों का भंडाफोड़ किया था । साथ ही पाकिस्तानी खुफिया जानकारी ढूंढ़कर और उसके मंसूबों को खत्म कर अपनी पहचान बनाई है । इन्हें विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस मैडल से सम्मानित किया गया है । लाठर की तरह मिश्रा की गिनती ईमानदार अफसरों में होती है ।