192 इंटरनेशनल मैच, 8268 इंटरनेशनल रन, 15 इंटरनेशनल सेंचुरी बनाने वाले अजिंक्य रहाणे को हैप्पी बर्थडे
Happy birthday to Ajinkya Rahane, who scored 192 international matches, 8268 international runs, 15 international centuries
192 इंटरनेशनल मैच...8268 इंटरनेशनल रन...15 इंटरनेशनल सेंचुरी। IPL 16 में 172 की स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले अजिंक्य रहाणे को हैप्पी बर्थडे। 16 साल में अपनी पहली IPL ट्रॉफी जीतने वाले रहाणे ने थाला को ताबड़तोड़ 326 रन जड़कर 5वीं दफा IPL का खिताब दिला दिया। अजिंक्य रहाणे मां की वजह से क्रिकेटर बने हैं। रहाणे की मां बेटे की ट्रेनिंग के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलती थी क्योंकि उनका परिवार रिक्शा का खर्च उठाने में समर्थ नहीं था। अजिंक्य रहाणे के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वो ट्रेनिंग के लिए अपनी मां के साथ ही जाते थे। उनकी मां एक हाथ में उनके छोटे भाई को और दूसरे हाथ में उनका किट बैग उठाकर पैदल चलती थी। अजिंक्य रहाणे ने बताया कि वो कई बार इतना अधिक थक जाते थे कि अपनी मां से रिक्शे पर चलने की जिद करते थे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता था।
दरअसल पैसों की तंगी के कारण मां भी मजबूर थी। इस वजह से रहाणे सप्ताह में सिर्फ एक बार ही रिक्शे का इस्तेमाल करते थे। रहाणे ने बताया कि वो अपने माता-पिता की वजह से ही आज यहां पर हैं और उनके लिए आज भी वही पुराने रहाणे हैं। अजिंक्य रहाणे ने अपने ट्रेन के सफर के बारे में बात करते हुए कहा कि जब वो 7 साल के थे, तब उनके पिता ने उन्हें पहले दिन डोंबिवली से सीएसटी तक उन्हें छोड़ा और फिर काम पर गए। पर अगले ही दिन उनके पिता ने उन्हें अकेले सफर करने को कहा। रहाणे के पिता उन्हें डोंबिवली स्टेशन छोड़ देते थे, जहां वो ट्रेन लेते थे और ट्रेनिंग सेंटर तक जाते थे। बाद में रहाणे को पता चला कि उनके पिता पिछले डब्बे में रहते थे और ये देखते थे कि बेटा अकेले सफर कर सकता है या नहीं। रहाणे ने बताया कि मुझे अपने परिवार की हर बात, उनका त्याग सब याद है जो उन्होंने मेरे लिए किया।
अजिंक्य बचपन में बहुत ही शर्मीले मिजाज के थे। इसलिए उनके पिता मधुकर रहाणे ने उन्हें कराटे क्लास भी भेजा। 12 साल की उम्र में रहाणे ने अपनी पहली ब्लैक बेल्ट जीती थी। उन्होंने काफी साल तक कराटे की ट्रेनिंग ली थी। वे एक अच्छे कराटे के खिलाड़ी थे। इससे रहाणे को खुद पर काबू करने में मदद मिली। साथ ही उनकी सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता को बढ़ाने में भी यह मददगार रहा, जो उनके क्रिकेट के लिए भी मुफीद साबित हुआ। इस बीच रहाणे कराटे के साथ ही क्रिकेट खेलते रहे। 17 साल की उम्र में उन्हें पूर्व भारतीय बल्लेबाज प्रवीण आमरे का साथ मिला। तब उनकी जिंदगी बदल गई।
प्रवीण आमरे की कोचिंग में रहाणे ने बल्लेबाजी की बारीकियां सीखीं। इससे उनके खेल में काफी निखार आया। साल 2007 में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई सीरीज में भारतीय अंडर-19 टीम में शामिल किया गया। उस दौरान रहाणे 2 शतक जड़कर सुर्खियों में आ गए। उनके साथ टीम में विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और ईशांत शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी मौजूद थे। घरेलू क्रिकेट में लगातार दमदार प्रदर्शन के बूते साल 2011 में अजिंक्य रहाणे को इंडियन टीम में चुन लिया गया। देखते-देखते अजिंक्य रहाणे तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का अभिन्न अंग बन गए। धमाकेदार बल्लेबाजी की बदौलत उन्हें इंडियन टीम की उप-कप्तानी भी सौंप दी गई।
अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच दिया था, जिसके लिए हमेशा अजिंक्य रहाणे को याद किया जाएगा। हुआ कुछ यूँ कि साल 2020-21 भारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर थी। पहला मैच शुरू हुआ। किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि भारत की पूरी टीम 36 रन के स्कोर पर आउट हो जाएगी। भारत सीरीज में 1-0 से पिछड़ चुका था। कप्तान विराट पारिवारिक कारणों से देश लौट चुके थे। अजिंक्य रहाणे को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई। दूसरा मैच मेलबर्न में शुरू हुआ। भारत के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी पारी खेलते हुए 112 रन बनाए। भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीत लिया।
इसके बाद सिडनी में तीसरा मैच ड्रा रहा। चौथा मैच गाबा में हुआ। रहाणे की कप्तानी और ऋषभ पंत की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इससे पहले कभी आस्ट्रेलिया गाबा के मैदान पर मैच नहीं हारी थी। गाबा की हार के साथ आस्ट्रेलिया का घमंड भी टूटा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अजिंक्य रहाणे ने 17 टेस्ट मैचों की 32 पारियों में 37.59 की औसत के साथ 1090 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 5 अर्शतक लगाए हैं। कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट में रहाणे का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 147 रन है। उम्मीद है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी रहाणे बल्ले से कहर बरपाएंगे। टीम इंडिया को चैंपियन बनाएंगे। 🌻