खेल रत्न के लिए महिला हॉकी कप्तान रानी का नाम, अर्जुन अवॉर्ड की रेस में ये खिलाड़ी
वंदना कटारिया, मोनिका और हरमनप्रीत सिंह के नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं.
हॉकी इंडिया ने भारतीय महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल के नाम की अनुशंसा खेल रत्न पुरस्कार के लिए की है, जबकि वंदना कटारिया, मोनिका और हरमनप्रीत सिंह के नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं. मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए भारत के पूर्व खिलाड़ी आरपी सिंह और तुषार खांडेकर के नाम भेजे गए हैं. कोच बीजे करियप्पा और रमेश पठानिया के नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए भेजे हैं.
देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2019 के बीच का प्रदर्शन आधार रहेगा. इस दौरान रानी की कप्तानी में भारत ने 2017 में महिला एशिया कप जीता और 2018 में एशियाई खेलों में रजत पदक हासिल किया. रानी ने एफआईएच ओलंपिक क्वालिफायर 2019 में भारत के लिए विजयी गोल करके टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन दिलाया था.
रानी की कप्तानी में भारत एफआईएच रैंकिंग में नौवें स्थान पर पहुंचा. विश्व खेल एथलीट का पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय रानी को 2016 में अर्जुन और 2020 में पद्मश्री मिल चुका है. भारत के लिए 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकीं वंदना और 150 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा ले चुकीं मोनिका के नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं. दोनों हिरोशिमा में एफआईएच सीरीज फाइनल्स, टोक्यो 2020 ओलंपिक टेस्ट टूर्नामेंट और भुवनेश्वर में ओलंपिक क्वालिफायर में भारत की जीत की सूत्रधार थीं.
भारतीय पुरुष टीम के ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह का नाम भी अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा गया है. उन्होंने भुवनेश्वर में एफआईएच सीरीज फाइनल्स में शानदार प्रदर्शन किया था. ओलंपिक टेस्ट टूर्नामेंट 2020 में उन्होंने मनप्रीत सिंह की जगह कप्तानी की थी.
पिछले साल रूस में ओलंपिक क्वालिफायर जीतने वाली भारतीय टीम का भी वह हिस्सा थे. पूर्व खिलाड़ी आरपी सिंह और खांडेकर के हॉकी को योगदान के लिए उनका नाम मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए भेजा गया है. वहीं, करियप्पा का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए भेजा गया, जो 2019 में जोहोर कप में रजत पदक जीतने वाली भारत की जूनियर पुरुष टीम के कोच थे. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले सरदार सिंह पिछले हॉकी खिलाड़ी थे.