टीम इंडिया के इस अहम सदस्य ने नहीं निभाई ठीक से जिम्मेदारी, होगी छुट्टी!
वर्ल्ड कप 2019 से भारतीय टीम की विदाई के बाद नाराजगी और आलोचनाओं का दौरा जारी है. कोई कप्तान विराट कोहली के फैसलों पर सवाल उठा रहा है तो कोई टीम मैनेजमेंट पर अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाने का आरोप लगा रहा है. इन सबके बीच टीम इंडिया के एक अहम सदस्य पर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार की गाज गिर सकती है.
भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में 18 रन से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में भारतीय टीम और कोचिंग स्टाफ की काफी आलोचना की जा रही थी. हालांकि मुख्य कोच रवि शास्त्री और कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल वर्ल्ड कप के बाद 45 और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इन सभी में एक कोच के प्रदर्शन पर पैनी नजर रखी जा रही है.
दरअसल, टीम इंडिया के सहायक कोच संजय बांगड़ के बारे में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कुछ लोगों का मानना है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से नहीं निभाई है. वे इससे कहीं बेहतर काम कर सकते थे. आम धारण ये है कि भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण की अगुआई में गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. वहीं फील्डिंग कोच आर. श्रीधर के होने का असर भी टीम की फील्डिंग पर देखने को मिला है जो पहले से काफी सुधरी है. मगर यही बात बल्लेबाजी इकाई के बारे में नहीं कही जा सकती. खासकर इसे लेकर भी काफी सवाल उठाए जा रहे हैं कि टीम के अंदर नंबर चार पर किसी एक बल्लेबाजी की भूमिका तय ही नहीं हो सकी.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन पर IANS को बताया कि मध्यक्रम में लगातार बदलाव के चलते टीम इंडिया को काफी नुकसान पहुंचा और ऐसा सिर्फ वर्ल्ड कप में ही नहीं हुआ बल्कि पिछले कुछ सीजन से यही स्थिति चली आ रही है और बांगड़ इसका कोई समाधान निकाल पाने में असफल साबित हुए हैं. यहां तक कि बांगड़ ने नंबर चार के लिए चुने गए विजय शंकर को बिल्कुल फिट बताया था वो भी तब जबकि उसके अगले ही दिन वह चोट के चलते वर्ल्ड कप से बाहर हो गए. बीसीसीआई को यह बात भी नागावार गुजरी है.
बीसीसीआई के अधिकारी ने बताया कि ऐसे में जबकि हम खिलाड़ियों के साथ पूरी तरह खड़े हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में एक खराब दिन को छाेड़कर अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं सपोर्ट स्टाफ के भविष्य पर फैसला लेने से पहले उनके निर्णयों और रवैये की भी समीक्षा की जाएगी.
टीम मैनेजर की भूमिका पर भी उठे सवाल
बोर्ड इस टूर्नामेंट में टीम मैनेजर सुनील सुब्रह्मण्यम की भूमिका को लेकर भी नाराज है. इसके अनुसार, सुनील का प्राथमिक काम अपने दोस्तों के लिए टिकट और पास का इंतजाम करने का ही रह गया था, जबकि उनकी मुख्य जिम्मेदारी उनके लिए प्राथमिकता में ही नहीं थी.