भारत की सुविख्यात खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो के स्पेशल डायरेक्टर अक्षय कुमार मिश्रा का नाम भी अब राजस्थान के डीजीपी बनने वालों की सूची में जुड़ गया है। राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को इनका नाम पहले इसलिए नही भेजा था क्योंकि इनका कार्यकाल केवल 5 महीने का बचा था। जबकि डीजीपी के न्यूनतम छह माह की सर्विस बकाया होनी चाहिए।
निवर्तमान डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने वीआरएस 30 नवम्बर, 20 से मांगा था। इस लिहाज से मिश्रा की सर्विस मात्र 5 की बकाया रहती। उनका रिटायरमेंट 30 अप्रेल, 21 में है। चूंकि राज्य सरकार ने इसी 14 अक्टूबर को भूपेंद्र सिंह का वीआरएस मंजूर कर लिया। इस तरह मिश्रा का सेवाकाल बढ़कर 6 माह 17 का होने की वजह से वे डीजीपी के लिए योग्य होगये है। अतः राज्य सरकार ने पत्र भेजकर आयोग को स्पस्टीकरण भिजवा दिया है।
राजस्थान कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अक्षय कुमार मिश्रा जोकि वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त निदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो मुख्यालय, नई दिल्ली के पद पर कार्यरत हैं, को राजस्थान में DGP ग्रेड में पदोन्नत. अक्षय कुमार मिश्रा को राजस्थान में पुलिस महानिदेशक (DGP) ग्रेड में पदोन्नत दी गयी है.
उड़ीसा निवासी मिश्रा पिछले काफी समय से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। गहलोत के मुख्यमंत्री से बनने से पहले वे जोधपुर में एसपी के पद पर तैनात थे। गहलोत द्वारा कुर्सी संभालने के साथ ही इन्होंने अपनी नियुक्ति केंद्र में करा ली। ये आईबी में अतिरिक्त निदेशक पद पर कार्यरत थे। कुछ दिन पहले ही इन्हें पदोन्नत कर आईबी में ही स्पेशल निदेशक बना दिया गया है।