Kota: किसानों को आया गुस्सा, अधिकारियों से कहा अगर फिर से हुआ ऐसा तो घुसने नहीं देंगे मंडी में
राजस्थान के कोटा में मंडी में शेड ना बने होने के कारण फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. जिससे किसान संगठन काफी भड़का हुआ है. उसने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है और उन्हें अल्टीमेटम दे दिया है
Kota News: राजस्थान के कोटा में मंडी में शेड ना बने होने के कारण फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. जिससे किसान संगठन काफी भड़का हुआ है. उसने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है और उन्हें अल्टीमेटम दे दिया है
Rajasthan News: कोटा में किसानों की समस्याओं को लेकर कई संगठनों पार्टियां समय-समय पर उनके हक के लिए मांग करती रहती हैं .कोटा में बेमौसम बारिश होने की वजह से किसानों का काफी अनाज खराब हो गया जिसके कारण उनके फसलों के दाम औने पौने दाम मिल रहे हैं और उन्हें मजबूर होकर यह फसल बेचने भी पड़ रही है. हाड़ौती में पहले ही फसल खराब होने से दो किसानों ने खुदकुशी कर ली है.
अब व्यापारियों के यार्ड पर कब्जा किए जाने से किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है और मंडी प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है. अखिल भारतीय बेरोजगार मजदूर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे (Manoj Dubey) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने संभागीय आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि भामाशाह कृषि उपज मंडी में प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों का अनाज भी गया और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा इसी वजह से यह विरोध किया जा रहा है
इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि भामाशाह कृषि मंडी में अगर फिर से किसानों का अनाज बर्बाद हुआ तो मंडी के अधिकारी मंडी के गेट के अंदर नहीं घुस पाएंगे. राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मंडी में बरसात में किसानों की फसल ना भीगने के कोई पुख्ता उपाय नहीं किए. उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में हजारों करोड़ों विकास कार्य हो रहे हैं लेकिन कृषि मंडियों में पर्याप्त मात्रा में शेड निर्माण नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बड़े-बड़े कार्य और वादे किए गए थे लेकिन किसानों को फसल की लागत निकालने के लिए जूझना पड़ रहा है.ऐसे में बारिश से किसानों की जिंस भीग जाती है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की खेतों में खड़ी और कटी फसल तबाह और बर्बाद हो गई. किसान बची हुई उपज को मंडी में लेकर पहुंचता है तो यहां भी उसे खून के आंसू रोने को मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन अब प्रशासन ने नहीं सुनी तो इसके परिणाम भुगतने होंगे.