क्या बीएल सोनी लाठर के स्थान पर डीजीपी बनेंगे ? सोनी का ओवर 30 जून को हो जाएगा समाप्त

अगर वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर अनिवार्य सेवानिवृति नही लेते है तो बीएल सोनी का डीजीपी बनने का ख्वाब अधूरा रह जाएगा ।

Update: 2022-06-27 14:42 GMT

महेश झालानी, वरिष्ठ पत्रकार 

अगर वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर अनिवार्य सेवानिवृति नही लेते है तो बीएल सोनी का डीजीपी बनने का ख्वाब अधूरा रह जाएगा । डीजीपी बनने के लिए अब उनके पास केवल तीन दिन शेष है । इन तीन दिनों में वे अपने मकसद में कामयाब नही होते है तो उनका सबसे बड़ा सपना कभी पूरा नही होगा ।

जोधपुर निवासी बीएल सोनी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निकटतम पुलिस अफसरों में सबसे अव्वल है । वे लंबे अरसे से डीजीपी बनने की जुगत भिड़ा रहे है । वे वर्तमान में एसीबी के महानिदेशक है । जबकि उनकी इच्छा थी कि उन्हें महानिदेशक के बजाय पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया जाए । पुलिस महकमे सबसे बड़ा अधिकारी डीजीपी होता है । लिहाजा वे उसी समय से डीजीपी बनने की कोशिश कर रहे थे जब लाठर को डीजीपी बनाया गया था ।

सोनी के डीजीपी बनने में कोई रुकावट नही थी अलावा लाठर के । अगर लाठर बीच मे नही होते तो सोनी अब तक कबके डीजीपी बन गए होते । लाठर वैसे भी सोनी से सीनियर है तथा उनकी छवि बहुत ही ईमानदार और बगैर लाग लपेट वाले अफसरों में शुमार है । इसके अलावा लाठर उस जाति से ताल्लुक रखते है जिसको नजरअंदाज करना सरकार के लिए घातक होता है ।

बचे हुए तीन दिन में सोनी डीजीपी बनने के लिए भरपुर कोशिश करेंगे । लेकिन उनकी कोशिश तभी कामयाब होगी जब लाठर अनिवार्य सेवानिवृति का आवेदन करते है । डीजीपी का न तो तबादला किया जा सकता है और न ही उन्हें हटाए जाने का प्रावधान है । यानी लाठर की बगैर मर्जी के सोनी को कानूनन डीजीपी बनाया ही नही जा सकता है । ज्ञात हुआ है कि लाठर अनिवार्य सेवानिवृति ले भी लेते । लेकिन बीएल सोनी के लिए वे तैयार नही है । दोनों में छतीस का आंकड़ा है । लाठर इसी नवम्बर में रिटायर होने वाले है । जब तक लाठर रिटायर होंगे तब तक सोनी इस योग्य नही रहेंगे कि वे डीजीपी बन जाए ।

जन्मतिथि के अनुसार सोनी का रिटायरमेंट अगले साल 1 जनवरी को होना था । चूंकि उनकी जन्म तारीख एक है इसलिए उन्हें पहले महीने की अंतिम तिथि अर्थात 31 दिसम्बर, 22 को रिटायर होना पड़ेगा । कायदे से डीजीपी बनने वाले व्यक्ति के रिटायरमेंट में न्यूनतम छह माह शेष होने चाहिए । इस हिसाब से सोनी के पास केवल तीन दिन ही बचे है । यानी 30 जून के बाद वे डीजीपी बनने की योग्यता से वंचित हो जाएंगे ।

पहले चर्चा थी कि सोनी को लाठर के स्थान पर डीजीपी बनाया जा रहा है । लाठर से सेवानिवृति का आवेदन लेकर उन्हें कोई राजनीतिक या संवैधानिक पद पर नियुक्त किया जा सकता है । लेकिन लाठर की भूपेंद्र सिंह यादव की तरह कोई पद पर नियुक्त होने की इच्छा नही है । वे सेवानिवृत होकर अपने गांव (हरियाणा) में जाने की ख्वाहिश रखते है । वैसे भी इसी 8 जुलाई को उनकी पुत्री की शादी है । इसके बाद वे शांति से नौकरी कर अपने गांव जाना चाहेंगे ।

उल्लेखनीय है कि पूर्व डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार के इशारे पर बहुत पहले ही अनिवार्य सेवानिवृति ले ली थी । सरकार ने तत्काल उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था । सर्वविदित है कि सोनी सीएम के काफी नजदीक है । वे इसी जुगत में लगे हुए है कि उन्हें डीजीपी बना दिया जाए । सीएम भी ऐसा चाहते है । लेकिन यह तभी सम्भव है जब लाठर को मनाया जाए ।

ज्ञात हुआ है कि सीएम लाठर से बात कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति के लिए राजी करले । सीएम आज दिल्ली गए है । शाम को लौटने का कार्यक्रम है । यदि सीएम ने वास्तव में सोनी को डीजीपी बनाने की ठान ली है तो वे लाठर को अनिवार्य सेवानिवृति के लिए राजी कर किसी सम्मानजनक पद जैसे अंतर्राज्यीय जल विवाद कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया जा सकता है । भले ही अब तीन दिन बचे हो । लेकिन सोनी ने हार नही मानी है । एक लॉबी बहुत तेजी से उन्हें डीजीपी बनवाने के लिए सक्रिय है । ये तीन दिन काफी उथल पुथल वाले हो सकते है । अगर सोनी डीजीपी बन जाते है तो इनके चुनाव तक इस पद पर बने रहने की सम्भवना है ।

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